NEELAM GUPTA

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प्यारा रिश्ता।

आओ बहु आज से ये घर तुम्हारा है।आवभगत करते हुए आशा जी ने अपनी बहु काव्या से कहा।


काव्या घर की बड़ी बहू बनकर आई थी।सारे घर की जिम्मेदारी अब उसकी है।आशा जी धीरे-धीरे उसे घर के कामकाज समझाने और सीखाने लगी।


आशा जी कोई बात नही सब सीख जाएगी।सब लड़कियां ऐसे ही होती है उन्होंने अपने पति सुरेश जी से कहा।हमारी लड़की भी तो अपने ससुराल जाकर सब सीख गयी है।मायके में ही तो बेटियाँ स्वतंत्र रहती है घर की जिम्मेदारियों से फिर ऊपर से पढ़ाई लिखाई में समय ही कहा मिलता है ।बहू भी सब सम्भाल लेगी समय के साथ साथ। 


सुरेश जी बोले हाँ हाँ क्यों नही आखिर ये भी हमारी बिटिया है ।अब आकर सब को जानेगी धीरे-धीरे सबसे पहचान बनेगी।आजकल सब बेटियां बहुत समझदार होती है।


काव्या अपने सास ससुर के उत्तम विचारों को जान अन्दर ही अन्दर बहुत प्रसन्न हुई। और उसने निश्चय किया वह किसी को भी शिकायत का मौका नही देंगी। 


दोनों सास बहू ने मिलकर सारा घर सम्भाल लिया।कुछ महीनों बाद काव्या को माँ बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। घर खुशियों से भर गया। दादा दादी बनने की खुशी मे आशा जी और सुरेश जी के कदम आसमान छूने लगे।इतना सुन्दर अहसास आज उन्हे हो रहा था।


आशा जी ने काव्या से कहा अब तुम्हे अपना ध्यान रखने के साथ बच्चे भी ध्यान रखना है घर के कामों की ज्यादा चिंता मत करना।उन्होंने एक बाई और लगा ली कहा तुम आराम किया करो। इस समय तुम्हें आराम की जरूरत है। और कोई बात समझ ना आए तो मायके में अपनी मम्मी से बात कर लेना।


काव्या ने कहा अब तो आप मेरी माँ से भी बढ़कर हो यहाँ आप ही मेरी मां हो।मेरा अच्छा बुरा आप से भला कौन जान सकता है।मेरी मम्मी को क्या मालूम कि आप मेरा कितना ध्यान रखते हो।आज आप ने ये बात कह दी आगे से मत कहना ।

ये सुन आशा जी की आंखों में खुशी के आँसू आ गये।दोनो भाव विभोर होकर आपस में गले  मिल खिलखिलाने लगी नये मेहमान के आने की खुशी में। 


यह देख सब मुस्कुराने लगे।इस सास बहू के रिश्ते को माँ बेटी के रिश्ते में देखकर। 

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2 Comments

Sahil writer

05-Jul-2021 12:56 PM

Behtarin

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Zulfikar ali

22-May-2021 05:13 PM

Good 💐

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